54 घण्टों से 120 फिट गहरे बोरवेल में फंसी 03 वर्षीय मासूम बालिका चेतना

54 घण्टों से 120 फिट गहरे बोरवेल में फंसी 03 वर्षीय मासूम बालिका चेतना

करीब 05 घण्टे बाद फिर शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन

पाईलिंग मशीन से खोदा जा रहा समानान्तर गड्डा

खेतड़ी से मंगवाई केसिंग, दूदू से मंगवाये पाईप

माता-पिता व परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल

कोटपूतली (इशाक खान) सोमवार दोपहर करीब 02 बजे कोटपूतली के ग्राम किरतपुरा की ढ़ाणी बड़ीयाली में बोरवेल में गिरी 03 वर्षिय मासूम बालिका चेतना पुत्री भूपेन्द्र चौधरी को बुधवार रात्रि 08 बजे तक घटना के लगभग 54 घण्टे का समय बीत जाने के बावजुद भी बोरवेल से बाहर निकालने में सफलता नहीं मिल सकी है। इसको लेकर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस समेत स्थानीय पुलिस प्रशासन के साझा प्रयास अभी तक सिफर ही साबित हुये है। एक ओर जहाँ चेतना के माता-पिता समेत परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है, वहीं बच्ची के दादा हरसहाय चौधरी समेत अन्य परिजन व ग्रामीण प्रशासन पर रेस्क्यू ऑपरेशन में लापरवाही बरते जाने का आरोप भी लगा रहे है। दादा हरसहाय चौधरी ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पहले मिट्टी हटाने की बात कही गई। फिर 28 घण्टे बाद मशीन से गड्डा खोदने का फैसला किया गया। प्रशासन समय से निर्णय नहीं ले पा रहा है। ग्रामीणों में इस बात का आक्रोश था कि इतनी बड़ी घटना हो जाने के बावजुद भी जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल मौके पर क्यों नहीं पहुंची है। हालांकि जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेन्द्र सिंह व विधायक हंसराज पटेल की मॉनीटरिंग में पुलिस प्रशासन के अधिकारी निरन्तर मौके पर मौजूद रहकर व्यवस्थाओं को सम्भाल रहे है। घटना के बाद से ही एडीएम ओमप्रकाश सहारण, एसडीएम बृजेश चौधरी, एसपी राजन दुष्यंत, एएसपी वैभव शर्मा, नगरपरिषद आयुक्त धर्मपाल जाट समेत पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर मौजूद है एवं लगातार बालिका को सुरक्षित बाहर निकालने के हरसम्भव प्रयास कर रहे है। वहीं दुसरी ओर विधायक हंसराज पटेल ने सपत्नीक बुधवार को यज्ञ में आहुतियां देकर अभियान को सफल बनाने व बालिका को सकुशल बचाने की प्रार्थना भगवान से की। एसडीएम बृजेश चौधरी ने बताया कि दोनों ऑपरेशन जारी है। बुधवार सुबह रोशनी की कमी के कारण ऑपरेशन के संचालन में परेशानी का सामना करना पड़ा। दिन व रात के समय में बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ भी मौके पर जमा है। बच्ची की सुरक्षा को लेकर चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। बालिका की माँ धोली देवी ने भी सीएम भजनलाल शर्मा से अपनी बच्ची को बचाने की मांग की है। वहीं दुसरी ओर विराटनगर के पूर्व विधायक इन्दाज गुर्जर भी बुधवार शाम मौके पर पहुंचे। जहाँ उन्होंने सारी जानकारी ली।

पाईलिंग मशीन से बाहर निकालने के प्रयास :- उल्लेखनीय है कि चेतना करीब 750 फिट गहरे बोरवेल में करीब 120 फिट पर अटकी हुई है। प्रशासन द्वारा प्लान ए के तहत देशी तरीके से प्रयास विफल रहने के बाद प्लान बी के तहत हरियाणा के मानेसर से पाईलिंग मशीन मंगवाई गई जो कि मंगलवार व बुधवार की मध्य रात्रि को मौके पर पहुंची। पाईलिंग मशीन के लिये 20 फिट लम्बाई व चौड़ाई के साथ 25 फिट गहरा एक गड्डा बोरवेल से करीब 20 फिट दूरी पर खोदकर पाईलिंग प्लेटफॉर्म तैयार किया गया। जिसके बाद मशीन के द्वारा बुधवार सुबह 08 बजे खुदाई शुरू कर करीब 40 फिट खुदाई करने के बाद ही मिट्टी के धंसने के कारण ऑपरेशन को रोक दिया गया था। बताया जा रहा है कि पाईलिंग मशीन द्वारा 110 फिट गहरी खुदाई की जायेगी। गड्डे में मिट्टी ढ़ह ना जायें इसके लिये खेतड़ी से केसिंग व दूदू से पाईप मंगवाये गये है। जिसके साथ गड्डा खोदा जायेगा। इसी के चलते गड्डा खोदने का कार्य बुधवार को दिन में करीब साढ़े चार घण्टे तक रूका रहा। जिसके बाद शाम करीब 05.45 बजे फिर से काम शुरू किया गया। पाईलिंग मशीन के साथ ड्रिल के लिये चार फिट व्यास का बिट लगाया गया है। साथ ही समानान्तर सुरंग के लिये 04 फिट व्यास के ही 30 फिट लम्बे 06 पाईप व ड्रिलिंग के लिये अलग-अलग साईज के बिट भी मंगवाये गये है। एनडीआरएफ निरीक्षक योगेश मीणा ने बताया कि 20 फिट की दूरी पर 150 फिट गहरी समानान्तर सुरंग खोदी जायेगी। जिसके बाद एक छोटी टनल बनाकर बच्ची तक पहुंचेगें। शुरूआत में बच्ची को 155 फिट की गहराई पर देखा गया था। इसलिये सुरंग के जरिये हम 160 फिट की गहराई पर जायेगें। बच्ची हमारे ऊपर हो इससे हम नीचे से बोरवेल में बच्ची तक सबसे सुरक्षित तरीके से पहुंच सकेगें। फिलहाल जी शेप हुक के जरिये बच्ची को बोरवेल में अटकाया हुआ है। वहीं दुसरी ओर प्लान ए के तहत देशी तकनीक से एल बैंड लगाकर भी चेतना को बाहर खींचने के प्रयास विफल होने के बाद अम्बे्रला बेस व जी शेप हुक लगाकर बाहर निकालने के प्रयास किये जा रहे है। हालांकि मंगलवार तडक़े से ही बालिका की कोई मुवमेंट दिखाई नहीं दे रही है। वहीं दुसरी ओर बुधवार शाम करीब 06 बजे हरियाणा से 200 फिट क्षमता की एक अतिरिक्त पाईलिंग मशीन भी मौके पर पहुंची है। जिसके लिये गुजरात से ऑपरेटर आये है।

क्या है मामला :- विगत सोमवार 23 दिसम्बर की दोपहर करीब 02 बजे मासूम बालिका चेतना (03) अपनी बड़ी बहन काव्या (07) के साथ बोरवेल के पास खेलते हुये उसमें अचानक गिर गई थी। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस प्रशासन में हडक़म्प मच गया था। जिसके बाद जयपुर से एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीम को बुलाकर चेतना को रेस्क्यू करने का ऑपरेशन शुरू किया गया था। लगभग 750 फिट गहरे बोरवेल में चेतना करीब 150 फिट पर फंसी हुई थी। उसे लोहे की एल बैंड के देशी जुगाड़ के जरिये निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन करीब 3-4 प्रयास के बावजुद भी वह प्रयास विफल ही रहा है। इस दौरान उसे कई बार 30-40 फिट ऊपर उठाकर करीब 120 फिट तक लाया गया था। जिससे उसके बाहर निकलने की सम्भावनायें बन गई थी, लेकिन हर बार यह प्रयास विफल रहे। इस दौरान कैमरे में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण ऑपरेशन रूका रहा। मौके पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिये चार एम्बुलेंस भी तैनात की गई है। बच्ची को बचाने में एनडीआरएफ के 25 व एसडीआरएफ के 15 जवान जुटे हुये है। वहीं नगरपरिषद के 25 कार्मिकों के साथ-साथ पुलिस के 40 जवान भी मौके पर तैनात है। इसके अलावा सीएमएचओ डॉ. आशीष सिंह शेखावत व बीसीएमओ डॉ. पूरण चंद गुर्जर के नेतृत्व में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी तैनात किया गया है। चिकित्सकीय टीम को अलर्ट रखा गया है। मौके पर स्वास्थ्य विभाग से पीडीयाट्रीशियन, एनेस्थिशियां विभागाध्यक्ष एवं 19 नर्सिंगकर्मी भी मौजूद है। वहीं प्रति घण्टे 01 ऑक्सीजन सिलेंडर इस्तेमाल में लिया जा रहा है। अभी तक करीब 50 ऑक्सीजन सिलेंडर इस्तेमाल किये जा चुके है। लम्बा समय बीतने के बाद परिवार का सब्र टुटने लगा है। बुधवार को बालिका चेतना का चाचा मौके पर ही फूट फूट कर रोने लगा, जिसे अन्य ग्रामीणों ने समझा बुझाकर शांत किया। अब देखना यह है कि समय रहते चेतना का जीवन बचाया जाता है या यह लापरवाही भारी पड़ती है।


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